Sachin se suru hua or kholi pe khatam
सचिन से शुरू हुआ एक शाप विराट कोहली के पीछे पीछे आया था। कितना डरते थे हम लोग, बैटिंग में साढ़े तीन सौ भी बन जाए तो डर लगता था कि अपने गेंदबाज मैच लड़ा न दे कही। कितने ऐसे मौके आए जब गुना गणित का मामला था, चेज करना हो तो भरोसा रहता था, और डिफेंड करना हो तो जान हलक में रहती थी। यही विराट कोहली मैदान पर रोते हुए निकला था क्युकी हमारे गेंदबाज तय सीमा में सामने वाले को रोक नहीं पाए थे। और आज हमारा पेस अटैक ऐसा है कि दुनिया के किसी भी बल्लेबाजी यूनिट को सिंगल के लिए भी हाथ पाव जोड़ने पड़ जा रहे है। ज्यादा नही कुछ साल पहले की ही बात है, हम अपनी गेंदबाजी से उम्मीद ही नही करते थे कुछ भी। ऐसा भी हाल था एक वक्त की गेंदबाज ऑफ साइड पर फील्ड सेट करके ऑन साइड के बाहर गेंद फेंक देते थे। हम कितने नॉकआउट हारे,कितने फाइनल हमारे हाथो से फिसल गए सिर्फ इसलिए क्युकी उस एक मैच में हमारे बल्लेबाज लीग वाली परफॉर्मेंस दोहरा नही पाए। हम कोसते थे अपने बैट्समैन को, पर हकीकत तो यही थी कि हर मैच में तो नही चल सकता न कोई। पर आज देखकर बहुत सुकून और इत्मीनान महसूस होता है कि हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन और खतरनाक पेस अटैक है। जो पुराने फैंस है इंडियन क्रिकेट टीम के, उनकी तो सालो की मुरादे अब जाकर पूरी हुई है, कितना तरसे थे हम लोग ऐसे पेस अटैक के लिए। दुनिया की बेस्ट बैटिंग लाइनअप तो हमारे पास हमेशा से ही थी,बस यही नहीं था, यही कसर रह जाती थी हर बार। बुमराह सिराज और शमी तो तारीफ के हकदार है ही, तारीफ बीसीसीआई की भी करनी होगी कि उन्होंने अपने तेज गेंदबाजों को इस तरह से मैनेज किया है कि कुछ साल पहले डिंडा पेस एकेडमी के नाम से ट्रोल होने वाली हमारी बॉलिंग यूनिट आज 350 वाली पिच पर सामने वाली टीम को सौ बनाने भी नही दे रही है।
#aayushsrivastav
Comments
Post a Comment