शमी कमाल है...😎😍
मैच 2 और विकेट 9...! नाम एक...मोहम्मद शमी। मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप के इतिहास में 13 मैच खेल कर 40 विकेट चटकाने वाले इकलौते गेंदबाज बन गए हैं। मोहम्मद शमी ने इस दौरान 6 पारियों में 4 या उससे ज्यादा विकेट हासिल किए हैं। कंगारू तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ही वर्ल्ड कप में ऐसा कर पाए हैं। मोहम्मद शमी ने वर्ल्ड कप में कोहराम मचा दिया है। इस क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा कम बैक कहा जा रहा है। जब वर्ल्ड कप शुरू होने वाला था, तब टीम मैनेजमेंट ने साफ कर दिया कि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज हमारे स्ट्राइक गेंदबाज होंगे। अगर आवश्यकता होगी, तब मोहम्मद शमी को तीसरे गेंदबाज के तौर पर टीम का हिस्सा बनाया जाएगा। भारतीय टीम मैनेजमेंट शुरू से ही मोहम्मद शमी को साइड रोल में देख रहा था।
पहले 4 मैच में भारत को आवश्यकता नहीं पड़ी और मोहम्मद शमी बेंच पर बैठे रहे। हां, बीच-बीच में खिलाड़ियों को पानी पिलाने के लिए ड्रिंक्स लेकर मैदान पर आते थे। आप सोच सकते हैं कि इस दौरान मोहम्मद शमी पर क्या बीतती होगी, लेकिन वह फिर भी मुस्कुराते थे। दुर्भाग्य से बांग्लादेश के खिलाफ हार्दिक पांड्या को चोट लग गई। ऐसे में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांचवें मैच में भारत को उनके रिप्लेसमेंट की आवश्यकता पड़ी। हार्दिक पांड्या की जगह बल्लेबाजी के लिए सूर्यकुमार यादव को चुना गया। गेंदबाजी के लिए शार्दुल ठाकुर की बजाय मोहम्मद शमी पर भरोसा किया गया। मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले ही मैच में 10 ओवर में 54 रन देकर 5 विकेट चटकाए। मोहम्मद शमी को मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया।
इस प्रदर्शन के बावजूद टीम में मोहम्मद शमी की जगह पक्की नहीं हो सकी थी। खबर आई कि लखनऊ में इकाना की विकेट स्पिनर्स के लिए मददगार है। इसलिए मोहम्मद शमी की जगह अश्विन को प्लेइंग XI का हिस्सा बनाया जा सकता है। लास्ट मोमेंट में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने सेम प्लेइंग XI उतारने का निर्णय लिया। मोहम्मद शमी ने 7 ओवर में 2 मेडन के साथ 3.1 की इकोनॉमी से 22 रन देते हुए 4 विकेट हासिल कर लिया। लगातार 2 मैच में मैन ऑफ द मैच वाला परफॉर्मेंस देकर मोहम्मद शमी ने साबित कर दिया कि शेर को बेंच पर नहीं बैठाया जाता है। वह जब भी मैदान पर आता है, उसकी दहाड़ से विरोधी बल्लेबाजों का कलेजा कांप जाता है। क्या मोहम्मद शमी को पहले मैच से ही वर्ल्ड कप में भारत की प्लेइंग XI का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था? अगर ऐसा होता, तो क्या मोहम्मद शमी अब तक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट हासिल कर चुके होते? 🇮🇳
Match 2 and wicket 9...! Name one...Mohammed Shami. Mohammed Shami has become the only bowler in the history of the World Cup to take 40 wickets in 13 matches. Mohammed Shami has taken 4 or more wickets in 6 innings during this period. Only Kangaroo fast bowler Mitchell Starc has been able to do this in the World Cup. Mohammed Shami has created havoc in the World Cup. This is being called the biggest come back in cricket history. When the World Cup was about to start, the team management made it clear that Jasprit Bumrah and Mohammad Siraj would be our strike bowlers. If required, then Mohammed Shami will be made a part of the team as the third bowler. The Indian team management was seeing Mohammed Shami in the side role from the very beginning.
India were not needed in the first 4 matches and Mohammed Shami remained sitting on the bench. Yes, from time to time he used to come to the field with drinks to provide water to the players. You can imagine what would have happened to Mohammed Shami during this time, but he still smiled. Unfortunately, Hardik Pandya got injured against Bangladesh. In such a situation, India needed his replacement in the fifth match against New Zealand. Suryakumar Yadav was selected to bat in place of Hardik Pandya. Mohammed Shami was trusted instead of Shardul Thakur for bowling. Mohammed Shami took 5 wickets for 54 runs in 10 overs in his very first match against New Zealand. Mohammed Shami was given the title of Man of the Match.
Despite this performance, Mohammed Shami's place in the team could not be confirmed. The news came that Ekana's wicket in Lucknow is helpful for the spinners. Therefore, Ashwin can be made a part of the playing XI in place of Mohammed Shami. At the last moment, the Indian team management decided to field the same playing XI. Mohammed Shami took 4 wickets in 7 overs giving 22 runs with 2 maidens at an economy of 3.1. By giving man of the match performance in two consecutive matches, Mohammed Shami proved that the lion should not be kept on the bench. Whenever he comes on the field, his roar sends shivers down the spines of the opposing batsmen. Should Mohammed Shami have been made a part of India's playing XI in the World Cup from the very first match? If this had happened, would Mohammed Shami have taken the most wickets in the World Cup by now?
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